नई दिल्ली: ठुमरी, रंगारंग लोककला प्रदर्शन और पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू के साथ राजधानी में तीन दिवसीय बिहार महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है
.कला, संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार, संगीत नाटक अकादमी और बिहार ललित कला अकादमी की ओर से संयुक्त तौर पर आयोजित महोत्सव कल शाम बिहार राज्यगीत के साथ आरंभ हुआ इसके बाद बिहार गौरव गान हुआ.
.कला, संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार, संगीत नाटक अकादमी और बिहार ललित कला अकादमी की ओर से संयुक्त तौर पर आयोजित महोत्सव कल शाम बिहार राज्यगीत के साथ आरंभ हुआ इसके बाद बिहार गौरव गान हुआ.
फूलों से सजे रवींद्र भवन परिसर में विश्व प्रसिद्ध याक्षी के बड़े कट-आउट के साथ मधुबनी पेंटिंग, सिक्की आर्ट और गोलघर, मनेर शरीफ जैसे राज्य के मशहूर स्थलों की तस्वीरें आगंतुकों का स्वागत कर रही है.
चूड़ा-दही, सत्तू, प्रसिद्ध लिट्टी चोखा का आनंद उठाने का मौका तो है ही साथ ही बिहार की पेटिंग, हस्तकला का भी जायजा लिया जा सकता है.
लोकनृत्य ने जहां मौजूद लोगों को खुश कर दिया वहीं बनारस घराना और गया घराने की ठुमरी ने भी समां बांधा. इस सप्ताहांत में भी शाम में आगंतुक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में शरीक हो सकते हैं.
कला, संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार के सचिव चंचल कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘अपनी सांस्कृतिक पहचान के साथ हम राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश कर रहे हैं..सांस्कृतिक सेतु के तौर पर इस महोत्सव को विकसित करने का प्रयास किया गया है. दिल्ली में आयोजन से यहां के लोगों को बिहार की संस्कृति, कला, संगीत, व्यंजन और हस्तकला को जानने का अवसर होगा.’’ कला, संस्कृति और युवा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने 2009 में कोलकाता में महोत्सव की शुरूआत की थी इसके बाद इलाहाबाद, जयपुर और दिल्ली में आयोजन से पहले मार्च में गुवाहाटी में आयोजन हुआ.’’
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